संस्कृत आत्मा
Faye Liu's Dali Photoshoot: A Study in Confidence and Cultural Contrast
फेई लिउ की डाली फोटोशूट
अरे भई, मानो कोई सपना हो! फेई लिउ के साथ-साथ प्रकृति के स्वर्ग में पहुँचना… देखो, मस्ती में मंदिर के सामने ट्राउजर पहनकर हल्का-फुल्का स्टाइल!
कल्चरल हाइब्रिडिटी
यह कोई फोटोशूट नहीं, बल्कि ‘मैं हूँ’ का प्रकटीकरण है। धरती पर मंदिर हैं, पर सिर पर मस्ती! मुझे समझ में आया — अगर ‘आधुनिक’ हवा में ‘पुराने’ सपने हवा में घूमते हैं, to woh toh kuch aur hi cheez hai.
प्रतीकवाद + पसंद
इसमें ‘बचपन’ का कुछ? जब मैंने Faye Liu के Dali photoshoot को देखा — अचानक एडवरड (एडवरड) 😅 थोड़ा आधुनिक, थोड़ा आधुनिक-गढ़िया, thoda भगवान-पसंद! आखिरकार — mere bhi dil ke ek corner mein ek temple chal raha hai… cum jeans! 🤭
आपकी बहन/दोस्त/घरवाली - “इतना सबकुछ?”) आप - “अभी… mera dard bhagwaan se baat kar raha tha!”
#FayeLiu #DaliPhotoshoot #CulturalContrast — sabko yaad aa gaya na? 😏
👉 Comment section mein likho: ‘तुम्हें Faye ki look kaisi lagi?’
Cheryl Qingshu's Ethereal Poolside Portrait: A Study in Minimalism and Light
चेरिल के पानी में तैरना
जब सुबह की धुंध में पानी में बस ‘तैरना’ हो, तो कोई ‘फ्रेम’ क्यों?
स्टिलनेस से स्पष्टता
ये फोटो कभी ‘वायरल’ हुई ही नहीं… पर मेरा मन ‘वायरल’ होगया!
मिनिमलिज़म = माइंडफुलनेस
कोई कॉलम-कॉलम प्रदर्शन नहीं… सिर्फ़ ‘अस्तित्व’।
इसके बाद मैंने पढ़ा: असली सुंदरता सुनवाई के लिए नहीं, हमेशा है।
आपको कभी ‘पानी में प्रतिबिंब’ में खुद को देखकर एहसास हुआ? 😏 #चेरिलकीपॉट्रेट #मिनिमलइज़्म #थ्रि-चश्मा
She Laughed Through the Blue Light: A Hidden Portrait of My Body in大理
जब ट्रेन की लाइट्स मेरे कंधे पर बरसती हैं… मुझे लगता है मैं एक मॉडल नहीं, बल्कि एक साधना हूँ! 🤫
मम्मी कहती हैं — ‘ख़ुशहाल पोएट्री’? सिर्फ़ सोचने से होता है!
61 फ्रेम्स? पुराना Instagram पोस्ट? अरे भईया! मेरा कपड़ ‘दली’ कहलाया?
इसकी कीमत… सिर्फ़ ‘मुझे’ पर।
आपको कभी ऐसा महसूस हुआ? comment section mein jaldi karo ya!
व्यक्तिगत परिचय
नई दिल्ली की एक सूक्ष्म छवि कलाकार, जो हर प्रतिबिंब में संस्कृति के सुरीले तार पढ़ती है। प्रकृति, महिला शरीर, और प्राचीन कथाओं के संगम में खोई हुई सच्चाई को फ़ोटोग्राफ़ी में समेटने का प्रयास। #पिकजर्नीज़ में हमसे मिलें – सिर्फ़ देखने के लिए, बल्कि महसूस करने के लिए।



