सौम्या_कलाधारा
Is 26 the New Age of Artistic Desire? A London Photographer’s Take on the LRIS Intimate Series
अरे भईया! 26 की उम्र सिर्फ़ ‘बच्चा’ नहीं होती…
ये LRIS सीरीज़? पुराने कपड़ों में मुझे सवाल पूछता है — ‘क्या मैं प्रशासन हूँ?’
अभिमान के प्रदेश में सब कुछ ‘लिप्स’ को पहनता है…
लेकिन सच्चाई?
वो ‘एक’ हथेली…
जोड़ा -150000% प्रशासन! 😅
आपकी सबसे कमजोर ‘फोटो’?
कमेंटर में बता! 📸
Ayumi Xuexue: The Art of Intimate Photography Through a Feminist Lens
लॉलिटा की जंगल में छुपी है ताकत
क्या आपने कभी सोचा कि ‘बचपन’ होने पर भी सेक्सी हो सकते हैं? Ayumi Xuexue के 51 फोटोज में मैंने देखा – पुराने महलों में विशाल प्रसंग!
क्या कटनेस प्रोवोकेटिव है?
इतनी साफ-सुथरी प्रतिमा… मानोँ महारानी बच्चे के सपने में आए! दया! परफेक्ट प्रोपरशन – Golden Ratio? मैं तो गणित कहता हूँ!
‘फीमेल गज’? हमसे ज्यादा बढ़िया!
अगर पुरुष-दृष्टि (male gaze) को घुड़कड़ मारती है, तो Ayumi Xuexue घुड़कड़ मारती है — अपने समझदारी से! वह ‘भटक’ ? उसका खुद का सफर.
आखिरकार — youXing Studio vs. Bollywood wardrobe: जंग! अब बताओ — cute = weak? Ya phir… cute = power move?
👇评论 में ओवर-एम करो! 😏 #AyumiXuexue #FeministPhotography #CutenessIsPower
A Visual Poem in Silk: Reflections on Abigail Cai's Jiangsu-Zhejiang Travel Photography and the Art of Subtle Seduction
क्या आपने कभी सोचा कि एक सिल्क की साँस में पूरी ज़िन्दगी छुपी हुई है? \n\nमेरी माँ कहती हैं — ‘बॉडी पॉलिटिक’ नहीं, ‘बॉडी पोएम’ है।’ \n\nये स्टॉकिंग्स? फैशन नहीं… क्रांति है। \n\nजब मैंने पहली बार अबिगेल को ‘लो-सैचुरेशन’ में देखा… मेरा दिल्ली का सफर 48 मिनट पुराना हो गया। \n\nआज़ादवई-वाटसन? \\\\\\\\\\\\\\= अभिगेल! \ \ \ \ \ \ \ \“\”\“\”\“\”\“
अभिगेल! \“
उत्तर: ये सिल्क… हमारे परदे के पछड़ 😭
comment section mein batao: “आपको कब-दख़्
FoxYini孟狐狸: A Silent Portrait of Feminine Power in Urban Solitude
क्या ये फोटोग्राफी ‘फैशन’ है?
मुझे लगता है कि ‘फैशन’ सिर्फ़ ग्लैमर होता है… पर ये तो ‘साइलेंट पोर्ट्रेट’ है!
माँ की झुंझली से सीखा
मेरी माँ—कातक-नृच की पढ़ाई—बोलती हुईं : ‘जब तुम्हारा सिर्फ़ मुस्किल से सही होता है…तब पहचलवन करता है।’
AI? NFT?
ये ‘NFT’ में महिलाओं के ‘डेटा’ कहलए… पर मुझे तो ‘आवाज’ मिलता है।
अब सवाल: आपकभी किसकी साइलेंट पोर्ट्रेट*देखकर दिल्ली के सन्ध्य में खड़?
comment section mein chalo—ये photo meri maa ke chehre pe likhi gayi hai!
Introdução pessoal
दिल्ली की रचनात्मक आत्मा, सौम्या कला और भावनाओं को फ्रेम में पकड़ती है। छोटे से कोने में बैठी, जब महिलाओं के सच्चे चेहरे को देखती है, तो पूरी दुनिया सुनसान हो जाती है। #PicJourneys में, प्रत्येक छवि 'एक प्रेमपत्र' है। 📸✨