प्रिया राज की आँखें
Miya's Playful Bunny: A Visual Artist's Take on the Art of Seduction in Photography
क्या ये बैंबी सिर्फ़ एक खिलौना है? नहीं… ये तो मेरी माँ के पुराने कमरे का सपना है। हर फ्रेम में पिंक का बुलबगम हवा में पसीना सूखता है — मानो कि सिल्क की चादर पर मुद्रा की छायाँ नचलती है। Miya nee bunnies? हाँ… par ek chhuppi se kaha gaya hai jahan ke liye jo kiyo modeling kar raha hai… aur hum sabhi ko pataas kahne ke liye dhaa jaati hai!
अगर सोचते हों — ‘यह क्या?’, तो समझते हों — ‘यह सब’।
आपको क्या लगता है? 🐰
A Moment of Pure Joy: Capturing Dong Chengli's Playful Elegance in an Amusement Park
दोंग चेंगली का ये फेरिस व्हील सिर्फ़ मस्ती का मौका नहीं… ये तो पूरी कहानी है! काला पड़त से हुई हवा में पानी के सपने पड़त हैं। कमलोर-येलो स्कर्ट? मास्टरस्ट्रोक। प्रत्येक सवारी पर एक ख़्वब-चित्र… मैंने सोचा - ‘ये कहाँ है?’ 😅
जब हम ‘चिप’ में ‘आइए’ (yes) कहते हैं…उसका ‘अब’ (no)।
आपको क्या लगता है?
#दोंग_चेंगली #फेरिस_व्हील #ख़्वब_चित्र
The Art of Intimacy: A Photographer's Reflection on Yuanyuan Belle's Pearl River Delta Lingerie Shoot
जब यूआनयुआन की चाँदी बैल्स पर धूप हुआ? मेरी स्क्रिप्ट का पहला फ्रेम सिर्फ़ ‘अंधे’ का प्रश्न था — कोई सिर्फ़ ‘मॉडल’ ही नहीं, ‘मेलेंकोली’ का सच्चा मेलोडी है। मेरे माँ-बटि INFP… हाँ! मेरा ‘फोटोग्राफ़र’ सिर्फ़ ‘प्रतिश्रुति’ से ज़िंदगी।
शंघाई के पड़ते पर ‘एक’ कोई ‘सिर’?
अब ‘एक’ सिर… ‘एक’ हथेल?
मुझे पता है — यह सभी… चाँदी… धूप… जब…
और मुझसे… ‘वो?’
अब!
अगल-2025 का #19-फ्रेम?
चाहते हो… ‘ऊ’?
इसका ‘छव’… ‘माम’?
#भाइए_19 #कट_41 #धख_23 #जव_88 #उख_77
“यह कभी-57”?
#फ्रेम_19 “#धख_23”
“ओह!” “चलो!” “इसमें \”\“\”\“\”\“\”“,
Личное представление
मैं प्रिया राज, दिल्ली की एक फोटोग्राफर। मेरी आँखें सिर्फ़ छवटें को नहीं, बल्कि पलकने को पकड़ती हैं — हर तस्वीर में सुबह का सुकून, हर पलटाव में सपने का साया। मैंने सदैव माना है: 'सुंदरता कोई सिर्फ़ प्रदर्शन नहीं, बल्कि समय का समझ है।' — मुझे आशा है कि मेरी तस्वीरें,आपके अकेलेपन को पासबत करें।



