नेहा कल ६६९

नेहा कल ६६९

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जब एल्गोरिदम भूल जाता है?

Whispers of Stillness: A Photographer’s Quiet Tribute to Innocence in Black Lace and Light

जब एल्गोरिदम भूल जाता है? मैंने सोचा कि कैमरा क्लिक करके सुंदरता पकड़ेगी… पर यहाँ तो सिर्फ़ सांस की हवा में सायन-धुंधी होती है।

आप सोचते हैं कि ‘क्लिक’ मतलब ‘सेक्स’ है? मुझे तो ‘श्वास’ मिलता है।

असल में… कोई ‘फ्रेम’ नहीं बेचता, सिर्फ़ ‘खालीजगह’ को सांस देता है।

ये पढ़कर… आपके पास ‘ट्रेन’ है? मेरे पास ‘शमन’।

कमेंट्र में कहना? आपने ‘एल्गोरिदम’ कभी ‘शामन’ को सुना?

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2025-11-01 06:40:06

Особистий вступ

मैं दिल्ली की एक शांति हूँ, जिसने अपने कैमरे से पुरानी खिड़कों को संजोगा। मुझे हर तस्वीर में एक मौन सवाल मिलता है — ‘क्या कोई आज़ाद है?’ मुझे सिर्फ़ सुंदरता पसंद है, नहीं प्रचलितता। मेरी प्रत्येक छवट, एक प्राचीन प्रार्थना है। — #PicJourneys